Madhu Arora

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लेखनी प्रतियोगिता -24-Jan-2022 बिटिया



बालिका दिवस
मेरी बिटिया
मेरे आंगन की फुलवारी
 हंसती खिलखिलाती बिटिया प्यारी
 भोली भाली नटखट प्यारी
 सबके दिल को मोह ने वाली।
 चिड़िया सी चहचहाती रहती
 सबके दिल पर राज है करती
 हर पल खुशी बांटती रहती।
 दूजे घर जा प्यार बरसाती
 वट वृक्ष सी वह  बन जाती
 जो यहां पर रौब जमाती
 वहांँ सब की सुनती जाती ।
 बरगद की छांँव सी होती
 सबका वह तो ध्यान है रखती
 संसार की सृजन हारा है
 ममता जग पर वारा है।
 सरस्वती लक्ष्मी दुर्गा का अवतार,
 सरल  सौम्य सा उसका स्वभाव।
 कभी सीता सी है वह लगती
 कभी दुर्गा का रूप है धरती
 कभी अनुसूया है बन जाती
 कभी अन्नपूर्णा है कहलाती।
 भिन्न भिन्न है उसके नाम
 आगे बढ़ना उसका काम
 कई गोल्ड मेडल  है लाती
 राष्ट्र का सम्मान बढ़ाती।
 मेहनत से वह कभी ना डरती
 सारा जहांँ रोशन है करती
 बेटी तुम मेरा स्वाभिमान
 मेरे घर आंँगन की शान
 आओ इनका सम्मान करें
 इनका थोड़ा ध्यान धरे।
 पिता की लाडली होती बेटियांँ
 मां के दिल के पास होती बेटियांँ
 बिना कहे सब समझ जाती बेटियांँ
 कितनी प्यारी होती बेटियांँ।।
           रचनाकार ✍️ 
           मधु अरोरा
           24.1.२०२२
प्रतियोगिता के लिए

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9 Comments

Sudhanshu pabdey

25-Jan-2022 12:21 PM

Very nice

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Shrishti pandey

25-Jan-2022 08:40 AM

Very nice

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Punam verma

25-Jan-2022 12:11 AM

Very nice

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